🌸 नवरात्रि के नौ दिन 🌸

देवी के नौ रूपों की आराधना

शैलपुत्री

🌸 पहला दिन – शैलपुत्री

पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है। वाहन: वृषभ। महत्व: शक्ति और साहस की प्राप्ति। यह दिन नए आरंभ का प्रतीक है और साधक को दृढ़ता प्रदान करता है।

ब्रह्मचारिणी

🌸 दूसरा दिन – ब्रह्मचारिणी

माँ ब्रह्मचारिणी तपस्या और संयम का प्रतीक हैं। उनके हाथ में जपमाला और कमंडलु होता है। यह दिन साधना और ब्रह्मचर्य का महत्व सिखाता है।

चंद्रघंटा

🌸 तीसरा दिन – चंद्रघंटा

इस दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा होती है। वाहन: सिंह। महत्व: साहस और निर्भीकता का प्रतीक। यह स्वरूप दुष्ट शक्तियों का नाश करता है और साधक को निर्भय बनाता है।

कुष्मांडा

🌸 चौथा दिन – कुष्मांडा

माँ कुष्मांडा ब्रह्मांड की सृष्टि की अधिष्ठात्री हैं। यह दिन स्वास्थ्य और ऊर्जा का प्रतीक है। साधक को सफलता और तेज प्राप्त होता है।

स्कंदमाता

🌸 पाँचवां दिन – स्कंदमाता

माँ स्कंदमाता, भगवान कार्तिकेय की माता हैं। उनका वाहन सिंह है। यह दिन मातृत्व और करुणा का प्रतीक है।

कात्यायनी

🌸 छठा दिन – कात्यायनी

माँ कात्यायनी सिंह पर विराजमान होती हैं। वे दुष्ट शक्तियों का नाश करती हैं। यह दिन वीरता और साहस का प्रतीक है।

कालरात्रि

🌸 सातवां दिन – कालरात्रि

माँ कालरात्रि का रूप अंधकार और भय का नाश करता है। वे राक्षसों का संहार करती हैं और साधक को निर्भय बनाती हैं।

महागौरी

🌸 आठवां दिन – महागौरी

माँ महागौरी शांति और करुणा की अधिष्ठात्री हैं। उनका स्वरूप अत्यंत सौम्य और सुंदर है। यह दिन जीवन में शांति और सुख का प्रतीक है।

सिद्धिदात्री

🌸 नौवां दिन – सिद्धिदात्री

माँ सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी हैं। वे कमल पर विराजमान होती हैं। यह दिन साधक को सफलता और सिद्धि प्रदान करता है।